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पुराने श्री गणेश और लक्ष्मी जी का विसर्जन - एक निवेदन

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दीपावली पर लगभग हर परिवार में श्री गणेश और लक्ष्मी जी की नई मूर्तियों की पूजा होगी। प्रश्न आता है कि पुरानी मूर्तियों को कैसे विसर्जित किया जाए। समय का अभाव है, रोज की आपा धापी है इस कारण कुछ परिवार शायद मूर्तियों को प्रवाहित करने के प्रयास में नदियों या नहरों में ऊपर से ही डालने का प्रयास करेंगे तो कुछ आस पास या मुंडेर पर रख देंगे तो और कुछ सार्वजनिक स्थान के पेड़ के नीचे रख देंगे या मन्दिरों में पेड़ के नीचे रख देंगे।जिन लोगों ने इन मूर्तियों की साल भर पूजा की अपने लिए बहुत कुछ माँगा, अब उन्हें ऐसे ही किसी पेड़ के नीचे रख देंगे .(यह उसी वैसा ही लगेगा जैसे बुजुर्गों को आश्रम भेज दिया जाए।संभवतः यह उचित नहीं होगा।ऐसा कदापि न करें । मूर्तियों को मान सम्मान से विसर्जित करने के लिए, एक बाल्टी या टब में पानी लेकर थोड़ा गंगाजल डाल कर मूर्ति को उसमें रख दें।एक-दो दिन में मूर्ति स्वतः उस में घुल जायेगी। मूर्ति घुले जल को किसी गमले या पेड़ की जड़ में डाल सकते हैं।आपका यह प्रयास मूर्तियों का सम्मानजनक विसर्जन तो होगा ही,नदियों को स्वच्छ रखने के लिए उठाया गया कदम होगा। इस तरह विसर्जन करें, हास्य का पात्र ना बने तथा दुसरो को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

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